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नवनीत कौर - जल का महत्व | अमन एक बहुत ही प्यारा बच्चा था । वह अपने दादा जी से बहुत प्यार करता था । उनकी हर बात मानता था और उनका बहुत आदर भी करता था । अमन के दादा जी भी उससे बहुत प्यार करते थे । उसे हमेशा अच्छी बातें सीखाते रहते थे ।
एक दिन दादा जी ने देखा कि अमन ब्रश करते समय पानी बर्बाद कर रहा था । दादा जी ने अमन को समझाया कि ब्रश करते समय नल खुला नहीं रखना चाहिए । इससे पानी बर्बाद होता है और हमें पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए । पानी बहुत कीमती होता है । यह कहकर वह मंदिर चले गए । अमन को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था । वह सोचने लगा कि माँ ने तो सुबह ही टैंक भरा था और अगर टैंक खाली हो भी गया तो वह शाम में टैंक फिर से भर लेंगी । यह सोचते - सोचते वह तैयार होकर विद्यालय चला गया ।
अगले दिन फिर से दादा जी ने देखा कि अमन पानी बर्बाद कर रहा था । उन्होंने यह महसूस किया कि वह जल का महत्व नहीं समझ रहा था । उन्होंने फैसला किया कि वह अमन को जल का महत्व समझाएँगे और पानी का सही ढंग से इस्तेमाल करना भी सीखाएंगे । दादा जी ने इस विषय पर अमन के माता - पिता से बात की और फैसला किया कि वह टैंक को बंद कर देंगे ।
रविवार का दिन था । रोज की ही तरह अमन उठते ही वॉशरूम गया । जैसे ही उसने नल खोला, देखा नल में तो पानी ही नहीं आ रहा था। वहाँ एक बाल्टी में थोड़ा - सा पानी पड़ा हुआ था। उसने उस पानी का इस्तेमाल किया द्य वह भागकर माँ के पास गया और बताने लगा कि माँ नल में पानी नहीं आ रहा है। माँ ने अमन को कहा कि टैंक में पानी खत्म हो गया है और आज पानी नहीं आया। इसलिए जो थोड़ा - सा पानी बचा हुआ है, हम आज उसी का इस्तेमाल करेंगे। यह बात सुनकर अमन परेशान हो गया। जैसे - जैसे दिन गुजर रहा था, अमन को पानी की एक - एक बूंद की कीमत समझ आ रही थी। उसे महसूस हो रहा था कि हर छोटे - बड़े काम में पानी का उपयोग होता है द्य पानी हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है। अब उसे दादा जी की कही हुई बात समझ आ रही थी।
दादा जी ने अमन को अपने पास बुलाया और समझाया, पृथ्वी पर हर एक जीव के लिए जल का बहुत ही बड़ा महत्व है। जीने के लिए जल के बिना कुछ भी संभव नहीं है। जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते । धरती पर पानी तो बहुत है लेकिन बस थोड़ा - सा पानी है जो कि इस्तेमाल करने योग्य है। यदि हम इसी तरह पानी बर्बाद करते रहेंगे तो एक समय ऐसा आएगा कि हमें पानी की एक बूंद पाने के लिए तरसना पड़ेगा । इसलिए जितनी जरूरत है उतना ही पानी इस्तेमाल करो। पानी को बर्बाद न खुद करो न ही दूसरों को करने दो । जल ही जीवन है इस बात का हर एक मनुष्य को ध्यान रखना चाहिए। अमन ने पानी के महत्व को समझते हुए दादा जी को वचन दिया कि वह अब से पानी को बर्बाद नहीं करेगा ।
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